काश तुमने रोक लिया होता
काश तुमने रोक लिया होता
काश तुमने रोक लिया होता
तो आज यूँ तन्हाई ना होती
तो पतझड़ नही आया होता
तो ज़िन्दगी वीरान ना होती
काश तुमने समझा होता तो
ये मरासिम यूँ टूटा ना होता
तो गुलशन वीरान नही होता
तो आबाद होता जहाँ।
काश तुमने रोक लिया होता
तो आज यूँ तन्हाई ना होती
तो पतझड़ नही आया होता
तो ज़िन्दगी वीरान ना होती
काश तुमने समझा होता तो
ये मरासिम यूँ टूटा ना होता
तो गुलशन वीरान नही होता
तो आबाद होता जहाँ।