काश तुम दोस्त ही रहते
काश तुम दोस्त ही रहते
काश ```` तुम दोस्त ही रहते
.... काश ```` तुम दोस्त ही रहते
हमसे मिलने के लिये बेताब तो होते
क्यू ``` यह दोस्ती को पति पत्नी के रिश्ते मे बदल दिया
...... क्यू ``` यह दोस्ती को पति पत्नी के रिश्ते मे बदल दिया
अभ हम तुम मे दोस्त और रिश्तों मे दोस्ती को ढूंढते है
काश ```` तुम दोस्त ही रहते
तो हम इतने बेबस और सहमे ना रहते
एक वक्त था ```` जब हमारी हर खुशी मे दुख मे तुम हमारे साथ खड़े थे
आज यह लम्हा है कि दिल की चिल्लाहट पर भी तुम पास नही होते
काश ```` तुम दोस्त ही रहते
तो आज हम इतने तन्हा और अकेले ना होते
एक वो वक्त था ```` जब सुबह हमारी खिलखिलाहट से शुरू और रात तुम्हारी हसी से खत्म होती थी
आज यह वक्त है कि सुबह एक सन्नाटे से शुरु और रात एक सन्नाटे मे खत्म होती है
काश तुम दोस्त ही रहते
काश ```` तुम दोस्त ही रहते
तो आज हम खुद को आइने मे ढूंढ नही रहे होते
काश तुम दोस्त ही रहते
काश `` तुम दोस्त ही रहते।