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Gurminder Chawla

Abstract

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Gurminder Chawla

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काँच की चूडियां

काँच की चूडियां

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काँच की चूड़ियां

रंग बिरंगी काँच की चूड़ियां

सभी को भाति है ये चूड़ियां

सुहागन के रूप को निखारती ये चूड़ियां

कितनी स्त्री के साज और ऋंगार का हिस्सा बन जाती है ये चूड़ियां

हर कुछ दिनों में चूड़ी वाले का इंतजार होता है

न जाने चूड़ी वाले से भी भीतर कहीं न कहीं प्यार होता है ।

खन खनाकर साजन को पास बुलाती है चूड़ियां

साजन के दिल को छू जाती यह चूड़ियां

साजन को मस्ती करने को उकसाती ये चूड़ियां

कभी-कभी किसी के छूने का राज खुलवाती ये चूड़ियां

टूट कर चोट पहुँचाती निर्दयी चूड़ियां

फिर भी सबको पसंद आती ये लाल हरी, नीली ,और पीली चूड़ियां।


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