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अजय गुप्ता

Abstract

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अजय गुप्ता

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कालचक्र-२

कालचक्र-२

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विस्मित करता है मुझे

मिट्टी का सख्त होना

दरारो का पड़ना

उसमें बीज का आना।


बारिश की चंद बूंदे

बीज का अंकुरित होना

शाखाओं का विस्तार लेना

फिर उसका दरख़्त बन जाना।


पत्तियों का पतझड़ में टूटना

फिर कोमल कोपलों का आ जाना

कलियों का फूल बनना

फूल से फल का बन जाना।


फलों का बीज बनना

हवा के संग दरारों में पहुंच जाना

विस्मित करता है मुझे

मिट्टी का सख्त हो जाना।


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