STORYMIRROR

Swapnil Saurav

Abstract

2  

Swapnil Saurav

Abstract

काजू की विदेश यात्रा

काजू की विदेश यात्रा

2 mins
550


हमारे काजू भैया की किस्मत है अजब

होते रहते है किस्से उनके साथ सारे गज़ब

करने जाते तो है लोगो की भलाई

पर हो जाता है उनके साथ हंसाई


अमरीका का नाम था जबसे उन्होंने सुना

जाने की इक्छा बढ़ रही थी रोज़ दुगुना

अमरीका उनके दिमाग में कुछ ऐसा छाया

खाना पीना तो क्या अपना सुख चैन भी गवाया


फिर अचानक एक दिन ऐसा ईमेल आया

अमरीका घूमने का न्योता वो साथ लाया

उनकी किस्मत को भी यही थी मंज़ूर

फिर क्या था नाचने लगे वो ख़ुशी से चूर


१० दिन का फ्री टूर पैकेज था ईमेल में लिखा

और साथ में उनको प्लेन का टिकट भी था मिला

पूरा मामला था किसी टूर कंपनी का प्रचार

काजू भैया हमारे निकले थे जिसके लकी विनर


टूर के ऐवज में देना था भैया को टैक्स केवल

जमा करना था सिर्फ ५ हज़ार और समय भी था सप्ताह भर

भैया ने बिलम्ब न करि तनिक भर और जमा कराये पैसे पूरे

अब तो भैया बैठे थे पूरे तैयार , और टिकट का हो रहा था इंतज़ार

भैया ने अपने सारे रिश्तेदारों को फ़ोन लगाया

अमरीका जाने की बात पूरे दुनिया को बताया

सभी सगे सम्बन्धी घर पर मिलने आये

कुछ साथ में उपहार भी लाये


भैया से सब ने उम्मीदें लगाकर

विदेशी सामान लाने की लिस्ट पकड़ाकर

सबने कुछ दिन तक घर पर किया एन्जॉय

फिर भैया को किया सबने बाई बाई


दोस्तों ने भैया की वाह वाह लगाया

और फेयरवेल पार्टी भी करवाया

सबने अमरीका से गिफ्ट लाने की फरमाइश

कुछ तो लैपटॉप आईफोन लाने की गुज़ारिश

काजू भैया का रोज़ होने लगा सम्मान समारोह

अब थक गए थे और कम भी हो रहा था उत्साह

सप्ताह बीती निकल भी गया महीना

पर टिकट का नहीं हुआ आना


फ़ोन भी कर दिया था उन लोगो ने बंद

ईमेल पर बिना जाँच के भरोसा करने का मिला ये दण्ड

पूरे मोहल्ले में हँसी के पात्र बनने के बाद

अब किसी चीज़ का तनिक भी नहीं करते घमंड


काजू भैया अब समझते है सबको ये बात

न मिलता ज़िन्दगी में कभी मुफ्त में ख़ैरात

ईमेल या फ़ोन के मैसेज पे ऐसे न करना विश्वाश

मेहनत की कमाई से ही रहता सुख शांति अपने पास






Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract