STORYMIRROR

Nalanda Wankhede

Inspirational

3  

Nalanda Wankhede

Inspirational

कागज़

कागज़

1 min
278


ऐसा कोई कागज़ नहीं

जो दर्द ए दिल का बोझ सह सके

ऐसा कोई नज़ारा नहीं

जो पैनी निगाह से छूट सके।।


घुटनों पर लगते थे सिर्फ़ ज़ख्म

वह बेदाग़ बचपन अच्छा था

बड़े होने की अदायगी कीमत

पुर सुकून खोने से तो बेहतर था।


मत खाना धोखे डर के नाम पर

तेरे हिम्मत और साहस की दीवार

उसे पता नहीं

सारे इन्द्रधनुषी जो मिल गए रंग

जिंदगी जीने का मज़ा नहीं।।


कोई दिल पत्थर का नहीं होता

बस समझने में ग़लती होती है

दिमाग थोड़ा कम लगाया करो

दिल की बात भी समझ में आती है।।


बेखबर थे जमाने से तो

सुध ली सभी ने बारी बारी

एक खामोशी क्या अख्तियार कर ली

एक एक करके सब खिसकते गये।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational