कागज के फूल
कागज के फूल
कागज बिना आगाज नहीं
कागज बिना आवाज नहीं
कागजी होने में कागज जरूरी है
सही या जाली ,कागज जरूरी है
कागज बिना जिंदगी अधूरी है
जिंदा होने का साबुत जरूरी है
बचपन में
नहीं मालूम थी कागज की अहमियत
नहीं पढ़ सके थे लोगों की खोटी नियत
समझ आया पचपन में
लोगों की दुनिया और दुनिया के लोग
कभी कागज की नाव तैराते हैं
कभी कागज पर ही पुल बनाते हैं
कभी कागज पर कार्यवाही करते है
कभी कागज में मार देते हैं
कभी कोरा कागज कमाल करता है
कभी कागज कानूनी होता है
कभी कागज गैर कानूनी होता है
यहाँ सब कागज का खेल है
सही नहीं तो जेल ही जेल है
कभी कभी लोग भूल से भूल कर जाते हैं
किसी अपने को कागज के फूल दे जाते हैं।।