जय गणतंत्र, जय संविधान
जय गणतंत्र, जय संविधान
देश पर मुझको है अभिमान
जय गणतंत्र जय संविधान
धर्म निरपेक्ष है देश हमारा
सुंदर प्यारा देश महान।।
हर संस्कृति को करता स्वीकार
अमन चैन में है विश्वास
धर्म-जाति का भेद नहीं
अधिकार दिलाता सबको समान।।
शत्रु को भी मित्र समझता
सबका करता है कल्याण
शरणार्थियों को शरण दिलाता
सबसे बड़ा हिन्द संविधान।।
नर-नारी सब एक समान
हर क्षेत्र में उनका योगदान
सारी दुनियाँ में भारतवासी
रोशन करते देश का नाम।।
महाशक्ति बनने को तैयार खड़ा
रोज बनाता नए मुकाम
एक धर्म और एक ही नारा
सबसे अच्छा हिंदुस्तान।।