जय भारती
जय भारती
जय हो आज दिन है भारत के गणतंत्र.
रह पाए हैं हम, अब सर्व-स्वतंत्र,
लहराकर आज अपना तिरंगा प्यारे,
रहे सदा पुलकित भारतवासी न्यारे।
जलाकर राष्ट्र प्रेम की नित ज्योत,
संवहन हो जन-जन के मन में संप्रीत।
लेकर भावैक्यता का सदा प्रण,
चलें, चुकाये अपनी मातृभूमि का ऋण।
स्वीकारें माँ की ममकार की सारी भाषा,
सौहार्दता ही भारत माँ की सदभिलाशा।
रक्षा करें सदा माँ, बहन, बेटी की,
माँ की गोद की नित हरियाली की।
हम सब हैं इस गणतंत्र में स्वयं प्रभु,
प्रभुता दर्शाने में खोए न कभी अपना काबू।
राष्ट्र प्रगति का प्रण लिए सर्वदा,
न आने दें माँ पर कभी कोई आपदा।
रहें गर्व सदा माँ भारती की आबरू पर,
आँच न आने दें कभी तृण मात्र उस पर।
रहें सदा माँ भारती नित दिन स्वतंत्र।
अनुरणित रहें सदा ये जय भारती मंत्र।