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Akhtar Ali Shah

Romance

3  

Akhtar Ali Shah

Romance

जवानी चार दिनों की है

जवानी चार दिनों की है

2 mins
240

गीत

जवानी चार दिनों की है 

*

बहुत कीमती है यौवन पर रहे न हरदम यार।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार ।

जवानी चार दिनों की है 

*

छमछम जब भी पायल बोले मन में मिश्री घोले।

खनखन करती कहें चूड़ियां पगले पागल हो ले।। 

मीत बुलाये जब तुझको तू मत करना इन्कार ,

जवानी चार दिनों की है ।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार,

जवानी चार दिनों की है ।।

*

नयन निमंत्रित करते जब जब पढ़ नयनों की भाषा।

कजरे ,गजरे की भी अपनी होती हैं अभिलाषा ।।

अतर्मन का प्यार, प्यार का करता है इजहार ,

जवानी चार दिनों की है ।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार

जवानी चार दिनों की है ।।

*

जुल्फें अगर सुखाए कोई इंतजार में तेरे ।

प्यासी अखियां लगा रही हो तेरी छत के फेरे।। 

सुकूं मिले तो कब महंगा है करना आँखें चार ,

जवानी चार दिनों की है।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार,

जवानी चार दिनो की है ।।

*

प्यासी नजरें, लब सूखे जब नजर किसी के आएं।

बाहों का संबल पाने को जब सपने अकुलाएं ।। 

बाहों में भर ले गुलशन में आई हुई बहार ,

जवानी चार दिनों की है ।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार,

जवानी चार दिनों की है ।।

*

नारी नर का साथ है पावन कर लें तू स्वीकार ।

इच्छाओं का दमन दर्द का करता कारोबार ।।

जवां हृदय का टूट न जाए बजता हुआ सितार,

जवानी चार दिनों की है ।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार

जवानी चार दिनों की है ।।

*

मन चंचल जब दिखे घात में संगमरमरी तन हो ।

हो भोली सूरत ,सीरत में मेहक रहा चन्दन हो ।।

कातिल दिखे "अनंत" अदाएं अपना सब कुछ वार

जवानी चार दिनों की है।

किसी चमन में बहुत दिनों तक रहती नहीं बहार,

जवानी चार दिनों की है ।।

*

अख्तर अली शाह "अनंत" नीमच

9893788338


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