जुड़े रहो जमीन से
जुड़े रहो जमीन से
जुड़े रहो जमीन से
जरा सी हवा बहते ही
उड़ान भरने की तैयारी मत करो
सीख मिलती है ईश्वर से जब
अपनी ही नजरों में गिर जाते हैं
छोड़ो इसकी बातों
उसकी बातों में आना
करना वही चाहिए जो
अपनी अंतरात्मा कहती है
ना रखे भाव वैमनस्य का
किसी के लिए भी क्योंकि
वक्त जीने के तौर तरीके
अपने तरीके से सीखा ही देता है।।
