जुबान.....
जुबान.....
उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है,
वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को,
क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है।
उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है,
वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को,
क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है।