जश्न ऐ मोहब्ब
जश्न ऐ मोहब्ब
मोहब्बत की जिंदगी जीना शुरू की
मोहब्बत के रास्ते में जुल्म सहनी पड़ी।
लोगो ने मुझमें बुराई परखने लगे
मैंने मोहब्बत की सच्चाई परखने लगे।
उड़ान भर दी मोहब्बत पाने की ओर
एक लम्हा गुजर गया मोहब्बत पाने की ओर।
दुनिया ने लौट आने की दस्तखत दे बैठे
मैंने दुनिया को गलत समझ बैठे।
मोहब्बत की नशा तो चढ़ी भी नहीं थी
क्या करू दुनिया वाले ने नशा दे बैठे।।
