मोहब्बत की नशा तो चढ़ी भी नहीं थी क्या करू दुनिया वाले ने नशा दे बैठे।। मोहब्बत की नशा तो चढ़ी भी नहीं थी क्या करू दुनिया वाले ने नशा दे बैठे।।