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AVINASH KUMAR

Tragedy

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AVINASH KUMAR

Tragedy

जरूरी था

जरूरी था

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तेरे धोखे को ,मेरा धोखा मिलना भी जरूरी था

अकेले ही कैसे जलते,तेरा जलना भी जरूरी था


आखिरी सांसे लेता रहा ,प्यार दहलीज पर तेरी

मेरा ही नही ,तेरे प्यार का मरना भी जरूरी था


गया हक मेरा, बाकी रहा न कुछ तुझ पर

हकों का तेरे जड़ों से उखड़ना भी जरुरी था


सिसकते रहे  हम सारी उम्र इक तेरे लिये 

रोते क्यों अकेले , तेरा रोना भी जरुरी था


माना था जिंदगी में खुदा की तरह तुझको

किया मुझे बुत तो, तेरा बुत बनना भी जरुरी था।



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