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Sandeep Gupta

Romance

3  

Sandeep Gupta

Romance

जर्रे जर्रे में महक तेरी

जर्रे जर्रे में महक तेरी

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जर्रे जर्रे में तेरी महक,

धड़कनों में चाहत बसा रखी है,

तुम को ही बनाया ख़ुदा है,

तुम्हें ही इबादत बना रखी है


जर्रे जर्रे में तेरी ही तस्वीर,

हर नज़र तेरी बना रखी है,

एक जन्‍म में तुम देख लो,

सातों जन्‍म की मोहब्बत

सजा रखी है


खामोश लबों पर तेरा जिक्र,

इशारों में हर बात छुपा रखी है,

तुम को खबर, मुझ को खबर बस,

मोहब्बत बस यूँ दिल में बसा रखी है


गुलों से देखो आबाद बाग,

तुमसे ही बहार बना रखी है,

ज़िन्दगी में बस तेरी ही रौशनी,

जीने की वजह तुम्हें बना रखी है...



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