तेरी अदा
तेरी अदा
कत्ल करके इजाज़त लेना,
यह अदा भी खूब है,
हर अदा पर दिल हुआ तेरा,
हर अदा क्या खूब है..
हर सितम मंज़ूर तुम्हारा,
देखो चाहत हमारी क्या खूब है,
बस रहना है बनकर तेरा,
यह इरादा क्या खूब है...
चाँद से कोई जाकर कह दे,
उससे सुंदर हमारा महबूब है,
एक नज़र में हर कोई दीवाना,
हर अदा उसकी क्या खूब है...
वो समंदर, मैं नदी,
हमारा मिलना भी क्या खूब है,
हर राब्ता में बस वही,
रब मेरा, वो भी क्या खूब है...