जोड़ो झाड़ शिव नाता
जोड़ो झाड़ शिव नाता
(अष्टाक्षरी काव्य)
शिव स्वयम पिवसे
सबसाती विष प्याला |
झाड़ तसोच शोषसे
वायू कार्बाम्लको गोला ||१||
शिव बाटसे अमृत
रक्षालाई सुरजन |
झाड़ तसोच सबला
देसे वायू ऑक्सिजन ||२||
कर रहीसे मानव
झाड़ काट अत्याचार |
येकोलका बढ़ गया
वायु मंडल विकार ||३||
नहीं मिल शुद्ध हवा
होय रहीसे बीमार |
फल कर्मका भोगसे
आता होयके लाचार ||४||
करो पुजन झाड़को
शिव समझके आता |
झाड़ लगावो सप्पाई
जोड़ो झाड़ शिव नाता ||५||
करो योग प्राणायाम
निसर्गको छत्रछायी |
देये झाड़ मनुष्यला
शुध्द हवा प्राणदायी ||६||