जो जीते हैं।
जो जीते हैं।

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गरीबी के दर्द के पीछे,
खुशी ढूंढते हुए बचपन को
क्या देखा है कभी गौर से।
जो अनजान है,
अपने जीवन के
सुनहरे भविष्य से।
जो देखते है,
दुनिया की
चालाकियां हर रोज।
जो जीते है,
छोटी छोटी खुशियों
के बीच बेपरवाह।
जो जीते है,
हर रोज एक
संघर्ष भरी जिंदगी।
जो जीते है,
बचपन में ही
जिम्मेदारियों को।
जो जीते है,
फिर भी जिंदगी
मुस्कराहटों के साथ।
गरीबी के दर्द के पीछे,
खुशी ढूंढते हुए बचपन को
क्या देखा है कभी गौर से।