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Triveni Mishra

Inspirational

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Triveni Mishra

Inspirational

ज्ञान और संस्कार सजाऍं सदा व्यवहार

ज्ञान और संस्कार सजाऍं सदा व्यवहार

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दोहे


ज्ञान और संस्कार में, सजे सदा व्यवहार।

शांति, समृद्धि बनी रहे, ख़ुश रहता परिवार।।


सदाचार, संयम रखें, सुख का है आधार।

 ज़िंदगी नेक जानिए, बीते पल खुशहाल।।


सुखमय रहते आदमी, पाते हैं सत्कार।

अपना जीवन को बना, करते हैं उपकार।।


संस्कार सभी सीखिए, करिए उत्तम कर्म।

विवेक हासिल कीजिए, समझें इसका मर्म।।


ज्ञान ज्योति मन में जले, फैले फिर प्रकाश।

दीपक की लौ फैलती, छूती है आकाश।।


धर्म-कर्म का ध्यान हो, उत्तम रख व्यवहार।

हृदय को संतोष मिले, व्यक्तित्व में निखार।।


सत्य, न्याय अपनाइए, देख तराजू तोल।

सही-ग़लत को देखिए, अच्छाई अनमोल।।


मीठे विनम्र बोल से, मिलता है सत्कार।

कौआ-कोयल देखिए, उदाहरण साकार।।


देख संस्कार से बने, हुए कितने महान।

दुनिया जिनका का करे, युगों-युगों गुणगान।।


व्यवहार मनुज का दिखे, चावल का भंडार ।

कच्चा-पक़्का जानिए, छूकर दाने चार।।


समझें मानव तो सभी, देखते तेरे काम।

चाहे जो कह सामने, हो जितना भी नाम।।


श्रेष्ठ मनुज संस्कार हो, विश्व का हो विकास।

सम्पूर्ण नर को यहॉं, जागे सुख की आस।।


मिले ज्ञान संस्कार तो, उपजे नेक विचार।

नेक सोच से देखिए, पावन हो आचार।।



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