STORYMIRROR

Triveni Mishra

Inspirational

4  

Triveni Mishra

Inspirational

शांति की खोज कोलाहल भर

शांति की खोज कोलाहल भर

2 mins
299

कोलाहल भरा मन में

यहॉं-वहॉं ढूॅंढते घर में

बैचेनी देख आवाज आई

क्या खोज रहा है भाई ?

जवाब दिए शांति


अच्छा खोज रहे हो शांति

बाहरी संसार में

इंसानों के घेरे में 

दूरभाष के फेरे में।


खोजते हो शांति

पर्वत,पहाड़ी,गुफाओं में

बाग-बगीचा क्यारियों में

मिल नहीं सकती तुम्हें

जंगल और पहाड़ में

खोज रहे हो शांति


घर-परिवार,समाज में

गली,सड़क मैदान में

नहीं मिल सकती तुम्हें

इन स्थानों में।


खोज रहे हो शांति

ऊॅंचे-ऊॅंचे महल-मकान में

स्वादिष्ट व्यंजन,पकवान में

गाड़ी, मोटर,बंगला, कार में

हीरे-मोती,सोना चॉंदी की 

दुकान में

मिल नहीं सकती तुम्हें

जवाहरातों में


खोज रहे हो शांति

बाग-बगीचा खेत-खलिहानों में

नदी-नाले, कुआँ, तालाबों में

दिखावटी सौन्दर्य,चकाचौंध में

सुंदर नारी और मदिरालय में

नहीं मिल सकती इन चीजों में।


खोज रहें हो मुझे

देश-विदेश की सड़कों में

आकाश-पाताल,और ब्रम्हांड में

सूर्य-चंद्रमा सारे आसमान में 

नहीं मिल सकती तुम्हें

इन स्थानों में।


पाना चाहते हो मुझे

देखना चाहते मुझे

कहाँ है मेरा घर

रहती हूॅं जहाँ निडर

अपने ही अंदर खोजों मुझे

एक क्षण में तुम्हें मिल जाऊँगी

तुम्हारे मन में मुस्कुराऊॅंगी


प्रत्येक हृदय में पड़ी हुई हूॅं

हर प्राणी के पास हूॅं

पर करता कोई सम्मान नहीं

आदमी और मेरी मित्रता नहींं

मिल नहीं सकती तुम्हें

जहाँ मेरी चाह नहीं।


तुम्हें चाहत है ईर्ष्या-द्वेष से

काम,क्रोध, लोभ,मोह से

तुम्हें चाहिए और कुछ और

है पास तुम्हारे अभिमान

दिखावटी है शान

आसमान से नीचे उतरना

लालच को आज छोड़ना

चौरासी लाख योनियों के 

बाद मिला संसार


शांति से जीने के लिए

स्वयं का कर सत्कार

क्या हालत कर लिया

अपने सुंदर शरीर की

कूड़ा-करकट से भर लिया

अपने मस्तिष्क को

रात-दिन चिंता की आग में

तेरे पास जो तन

मन-मंदिर उसकी कद्र कर

ध्यान से बैठ कर मनन कर।


फिर होगा परिचय हमारा तुम्हारा

बनेगें मित्र यहाँ हम-तुम

तेरे पास हूॅं, सदा साथ हूॅं

तू मुझे पहचान ले

धैर्यपूर्वक काम ले

"संतोषं परम सुखम्" जान ले

मिलेगी शांति मान ले

रहेगी सदा पास तेरे

अगर तू ठान ले

शांति को पहचान ले।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational