जन्मदिन
जन्मदिन
जिंदगी बुरी नहीं है,
लेकिन उम्र का बढ़ना खटकता है,
उस पर जन्मदिन का आना,
पहाड़ जैसा लगता है,
एक और साल का उम्र से जुड़ जाना,
और जिंदगी से घट जाना,
सीने में कहीं अखरता है,
रातों की नींद यही दोहराती है,
प्रश्न यह बार-बार पलकों पर लाती है,
क्या इस साल भी तीर लक्ष्य को,
ना भेद पाएगा ?
क्या इस बार भी यह साल
असफलता ही लाएगा......?