कहना चाहती हूँ
कहना चाहती हूँ
1 min
3.2K
बहुत कुछ कहना चाहती हूँ,
तेरी गोदी में सर रख कर सोना चाहती हूँ,
क्यो हुई मैं इतनी बड़ी माँ,
आज फिर तेरे आंंचल में अपने
आपको छुपाना चाहती हूँ,
दर्द ये ज़ालिम जमाने का
सहा नहीं जाता पापा,
क्यो मेरी जिद्द को आज पुरी
करते नहीं हो आप,
फिर उसी कांधे पे सर रख कर
कमीज़ आपकी भीगोना चाहती हूँ,
बहुत कुछ कहना चाहती हूँ,
तेरी गोदी में सोना चाहती हूँ,
और जी भर कर रोना चाहती हूँ माँ......