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Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational

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Ratna Kaul Bhardwaj

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जन्म मरण

जन्म मरण

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पंच तत्व की इस देह पर

क्यों है इतना इतराना

मिट्टी की बनी है यह काया

मिट्टी में है मिल जाना


अद्धभुत रूप से इसे बनाया

ईश्वर रूपी शिल्पकार ने

एक अंश जिसने सांसे बक्शी

है वह आत्मा का बसेरा होना


आत्मा का यह अनूठा रहस्य

है आध्यात्मिक पूर्ण रूप से

पुनरावर्तन की प्रतिक्रिया से

निरंतर इसका गुज़र जाना


निभाते है पात्र अपनी अपनी भूमिका

विधाता के रचे इस खेल में

इस रंग मंच का पूरा निरंतन

है विधाता की मुट्ठी में होना


थककर जब महानिन्दरा की

आगोश में हम सो जाते हैं

मृत्यु के रूप में उस पात्र की

भूमिका का होता है अंत होना


कर्म फलों का आंकलन

यह चक्र है जन्म जन्मों का

पुराना चोला त्याग कर

नया चोला धारण करना


मनुष्य स्वयं भाग्य निर्माता है

इच्छानुसार कर्म कर सकता है

अनिवार्य है इंद्रियों का बस में रहना

और निष्ठा से अपनी भूमिका निभाना


जीवन मरण इस सृष्टि पर

एक ही तथ्य के दो पहलू है

जीवैन है इस चक्र को स्वीकारना

मृत्यु, प्रभु चरणों में लौट जाना.......


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