जंगल जा रहे हैं मेरे मन की आवाज
जंगल जा रहे हैं मेरे मन की आवाज


जंगल कटते जा रहे हैं
सब तरफ सीमेंट और कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं।
जंगली और हिंसक जानवर या तो खत्म हो रहे हैं या शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं।
लोगों के लोभ लालच का पैमाना इतना बढ़ गया है कि जंगल कटते जा रहे हैं
और जंगल जा रहे हैं।
एक संवेदनशील दिल यह कह रहा है।
अपनी कविता से यह समझा रहा है
अपनी बात को बता रहा है।
हम हमेशा यह सोचते हैं
यह दुनिया किसने बनाई,
इतना सुंदर संसार की रचना किसने की है
कौन है वह अदृश्य शक्ति जिसने इतना सुंदर संसार बनाया
और उसका अंत करने का अपने हाथ में रखा।
अच्छा बुरा कर्म अकर्म जो वह दूर से सब देख रहा है ।
और कभी-कभी तो उसका फल भी यही दे देता है ,
कौन है वह चित्रकार इस पर मेरा यह सृजन ।
यह कौन चित्रकार है, यह कौन चित्रकार है ,
हरी भरी वसुंधरा पर नीला नीला ये गगन।
जिस पर बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन.
यह कौन चित्रकार है ,
यह कौन चित्रकार है ,
जो बिगाड़ रहा हरी भरी वसुंधरा
नीला नीला ये गगन।
काले काले बादलों को पालकी में उड़ा रहा दूषित पवन ।
यह देख मन दुखित हुआ।
मानव के लालच का पैमाना छलक रहा ।
यहां के मनोरम जंगल काट बना दिए आरसीसी सीमेंट के जंगल ।
अपने लालच और लोभ , स्वार्थपरता में इतना मानव तू घुस गया ।
प्
रकृति से छेड़छाड़ कर, तूने किया उसे खराब ।
अरे अब तो तू संभल जा जरा, नहीं तो प्रकोप पड़ेगा भारी ।
जो पड़ेगा सब पर भारी।
वृक्ष लगा, ऑक्सीजन पा, कार्बन डाइऑक्साइड हटा दूषित वायु ना निकाल ।
वातावरण को शुद्ध बना ,
तभी मिलेगा शुद्ध खाना ,
शुद्ध पानी ,शुद्ध हवा।
पर्यावरण को ना बिगाड़
ऐसा चित्रकार बन
पर्यावरण को तू सुधार चारों तरफ सफाई रख।
तो कुछ तेरा और पर्यावरण का होगा भला।
उस चित्रकार की कला तभी होगी सार्थक।
जब हम उसको मानेंगे अपने जीवन का लक्ष्य।
यह धरती हमारी माता है। प्रकृति की गोद में हम खेले बढ़े हुए।
क्यों हम प्रकृति चक्र को बर्बाद करें।
क्यों ना हम इसे आबाद करें।
आने वाली नस्लें भी हमारे काम को रखे याद, ऐसा हम कुछ काम करें ,
उस चित्रकार की कल्पना को हम हमेशा साकार रखें ।
यही हमारा लक्ष्य है तभी होगा हमारा जीवन सफल साकार।
तो आए आज हम यह प्रण ले ले, हम प्रकृति के रक्षक बनेंगे भक्षक नहीं ,
और करेंगे उस चित्रकार की कल्पना को साकार।
यह कौन चित्रकार है यह कौन चित्रकार है।
वह कौन है वह कौन है
वह इस संसार का रचयिता है, ईश्वर अल्लाह खुदा भले कुछ भी नाम हम उसको दे दे सभी एक है।
करते हैं हम उनको नमन जो हर घट घट में करते निवास वो ऐसा चित्रकार है।