jyoti pal

Inspirational

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जल, प्रकृति और पर्यावरण-९

जल, प्रकृति और पर्यावरण-९

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जल तो शुद्ध ही था जिसे हमने गंदा कर दिया है

जब भी सैर करनी हो देश-विदेश की या सैलानी आए

तो जागरूकता को फैलाना है

घर और अपने आस-पास कचरा नहीं फैलाना है

वस्त्र भोजन, कागज, बिजली, मोबाइल सिम तक में

जल , पेड़ो आदि का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।


ग्रीन हाउस से ग्लोबल वॉर्मिंग नहीं बढ़ाना है,

किसानों को ड्रॉप सिंचाई अपना कर

कम खाद से ज्यादा फायदे के साथ - साथ जल को बचाना है ,

नई तकनीकों को अपनाना है

पराली को नहीं जलाना है,पशुओं के लिए चारा बचाना है

वायु प्रदूषण को दूर करना है 'ऐयर प्रयोरिफायर'

प्रकृति में बसाना है आखिर मास्क कब तक लगाना है?

सौर-ऊर्जा, पवन-उर्जा की तकनीक को अपना

कार्बन-उत्सर्जन को घटाना है।


चूल्हे से लकड़ियो को जला कार्बन-उत्सर्जन को नहीं बढ़ाना है,

आँखों और फेफड़ो के रोग होने से बचाना है

बचाना है खुद को नशीले पदार्थों के सेवन से,

स्मॉग बैंन करवाना है, सरकार के साथ खुद को भी कदम उठाना है

पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाना है,

पारिवार और देश को रोगों से बचाना है,

सभी देशों को मिलकर कदम

उठाना है खुशहाल पारिवार बनना है

जल, प्रकृति और पर्यावरण को बचाना है

खुली हवा में खुशहाल जीवन बिताना है।









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