जिस्मानी और रूहानी मोहब्बत
जिस्मानी और रूहानी मोहब्बत
पहला प्यार वो नहीं था जो उसको देखकर मुझे उस पर आया था,
वो पहली बार था इसलिए मैं भी ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया था!!
वो तो बस यूं ही मेरे करीब आकर अपना शौक पूरा कर रही थी ,
मैं डर रहा था मुस्कुरा रहा था क्योंकि ये तजुर्बा पहली बार हो रहा था!!
मैं तो उसको अपनी मोहब्बत समझ रहा था,
वो तो बस अपना वक्त जाया मेरे साथ कर रही थी !!
वो मेरी आंखों में देखकर मुझे से लिपट रही थी,
मुझ से लिपट कर किसी और के यादों में सिमट रही थी!!
शायद वो अपने लिए बेहतर साथी का चुनाव कर रही थी,
जब छोड़ दिया मैंने उसको वो आंखों से नहीं जुबां से भी रो रही थी!!
वो बस मेरे ज़ज्बातों से खेल रही है ये जान कर मेरा दिल टूट गया,
उसके साथ बिताने वाले लम्हे और ख्वाब सब कुछ पीछे छूट गया!!
सिर्फ जिस्मानी रिश्ते के लिए ही वो मुझे आजमाना चाहती थी,
वो मेरी सच्ची मोहब्बत में अपने जिस्म का ज़हर मिलना चाहती थी!!
मैंने भी ठुकरा दिया उसकी जिस्मानी मोहब्बत को,
फिर भी जाने से पहले एक बार वो मुझे गले लगाना चाहती थी!!

