अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया है। अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया ...
वो मेरी आंखों में देखकर मुझे से लिपट रही थी, मुझ से लिपट कर किसी और के यादों में सिमट वो मेरी आंखों में देखकर मुझे से लिपट रही थी, मुझ से लिपट कर किसी और के यादों ...