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Khushboo Pathak

Abstract

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Khushboo Pathak

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जिंदगी

जिंदगी

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कुछ कही, कुछ अनकही सी जिंदगी 

कभी हंसती कभी हंसाती 

कभी उदास और कभी खामोश सी ये जिंदगी 

कभी हरियाली सी कभी पतझड़ सी ये जिंदगी 

कही धूप तो कही छावं सी ये जिंदगी 

जिंदगी के हजारों रंग है कभी बदरंग है ये जिंदगी 

कभी उलझनों सी और कभी सुलझती सी ये जिंदगी 

कही हजारों ख्वाहिशे हैं कही ईतमिनान सी ये जिंदगी 

कभी महफ़िलो से आबाद और कभी तनहा सफ़र है ये जिंदगी 

ये अंदाजे बयां है इंसान का , ये मुकम्मल सी जिंदगी! 



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