जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी है खुबसूरत सुबह
या है ढलती शाम का साया
जिंदगी है ख़्वाहिशों का नया सफर
या है मुश्किलों का पुराना तजुर्बा
जिंदगी है तपती धूप की दुपहरी
या है ठंडी छाया की लहरें
जिंदगी है खुशनुमा मौसम का सिलसिला
या है पतझड़ सा सूखा
जिंदगी है नयी शुरुआत
या है पुरानी तस्वीर की तरह
जिंदगी है हरियाली की छटा
या है सुखी टहनी की तरह
जिंदगी है सूरज की सुनहरी धूप
या है चाँद की शीतल छाया
