जिंदगी
जिंदगी
दो पल की जिन्दगी में
चलो अपनाए कुछ नियम
निखरे तो फूलों की तरह
और महके खुशबू की तरह
बिखरे तो किरणों की तरह
अटल इरादे पहाड़ों की तरह
सहनशक्ति! मां धरती की तरह
नम्रता हो मखमल की तरह
और ममता जननी की तरह
मन उद्धार आसमान की तरह
गहराई हो समंदर की तरह
परवाज़ लें पंछियों की तरह
जो अपनाए ये श्रृंगार
मुंह तकेगी हर बार हार
दिल में रखें प्रेम
और मन करें उद्धार
इन सब का मिश्रण
है उत्तम उपहार.....