"आहत नहीं करना लोगों को "
"आहत नहीं करना लोगों को "
मीठे बोल -बोलकर हम ,लोगों का दिल जीतते हैं !
कर्कश भाषाओं से हम ,सबके दिल को तोड़ते हैं !!
व्यंगों के लहजों में थोड़ा ,मृदुलता का आभास रहे !
लोगों के प्रयोग से बचना ,स्वयं पर व्यंग की बात करे !!
शीतल मृदुल बनकर हम ,सबके हृदय में बस जाएंगे !
प्यार के इन रंगों से हम तो ,एक दुनियाँ यहाँ बसाएँगे !!
जो बातें लोगों की बुरी लगे ,उसे इंगित हमको करना है !
पर इतना हमको याद रहे ,शिष्टता के बंधन में रहना है !!
फिर भी कोई आहत हो तो ,गलती को झट स्वीकार करें !
कोई बड़ा हो या छोटा हीहो ,सबको प्यार से सम्मान करें !!