मेरी शुभकामना
मेरी शुभकामना
खुशी के पर्व में अपने,
मेरी शुभकामना ले लो !
सजाओ दीप खुशियों के
मिलन के गीत तुम गा लो !
सभी चमके सदा यूं ही,
चमकते जैसे तारे हैं !
गगन में साथ रहने की,
कसम वर्षों से खाए हैं !
मिलो तुम प्यार से हरदम,
करो अपनों को तुम अर्पण !
बिखेरो रोशनी जग में,
बनो तुम प्यार का दर्पण !
यही शुभकामना मेरी,
जरा स्वीकार तुम करना !
सदा ही दीप बनके तुम,
जगत में ही जला करना !
