जिंदगी की जंग
जिंदगी की जंग
तुझे जिंदगी की जंग जीतकर दिखाना है
अंधेरे को मन के हर कोने से मिटाना है
तेरे लक्ष्य में आलस्य है सबसे बड़ी बाधा
आलस्य को तुझे पूरा ही दिल से मिटाना है।
कस्ती तेरी टूटी है,मिल नही रहा किनारा है
तुझे हिम्मत की पतवार से लहरों को हराना है
मन से तू हारा नही,दिल तेरा कुंवारा नही है
सफ़लता से तुझे जल्द शादी करने जाना है।
कब तलक सोया रहेगा तू,
कब तलक खोया रहेगा तू,
तेरी आन बान को फ़िर से विस्फ़ोट से लाना है
आज तेरे चर्चे है, बदनामियों के मुख पृष्ठ पर
तुझे आज ज़हर से अमृत निकालकर बताना है।
तू अंधेरा नहीं, जलता हुआ अविराम चराग़ है
तुझे अपने ज्वालामुखी से पत्थर हटाना है
ये दुनिया हंस रही है,
तुझे पागल समझ रही है,
अपने पागलपन से पूरी दुनिया को हिलाना है
तू परिंदा नहीं, परिंदों से ऊपर उड़ता बाज है,
तुझे आज आसमां से भी ऊपर निशां कर जाना है।
तू भी उस ख़ुदा की ही तो एक आग है,
पूरी दुनिया को कर सकता जो ख़ाक है
तुझे आज अपने पिया कृष्ण से मिलने जाना है।
