जिंदगी खूबसूरत है
जिंदगी खूबसूरत है
बनाते लोग हैं जिसमें ख़्वाबों की इमारत है।
ज़िन्दगी खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।
कभी शोलों से गुजरती है, कभी अग्नि में तपती है।
कभी फूलों में चलती है, कभी कांटों सी चुभती है।
यहाँ गम भी है, दुख भी है, बस खुशियाँ नदारद हैं।
ज़िन्दगी खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।
कभी राहें नहीं मिलती, कभी मंजिल बिछड़ती है।
कभी बरसात आती है, कभी बिजली कड़कती है।
दुखों कि आंधियाँ लाती, ये कुदरत की शरारत है।
ज़िन्दगी खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।
कभी बौछार खुशियों की, कभी दुख का समंदर है।
कभी बेचैनियाँ मन की, मचाती खूब बवंडर है।
दुखों के देख बदल को, होती कुछ हरारत है।
ज़िन्दगी खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।
कभी मारा गरीबी ने, कभी भूखा सुलाती है।
मिली मुस्कान फूलों सी, कभी काँटे चुभाती है।
दुखों की जिंदगी है ये, कैसी ये हिकारत है।
जिंदगी एक खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।
कहीं पर खूब हैं खुशियाँ, कहीं दुखों का खूब है शाया।
कहीं पर भूख दौलत की, कहीं पर खूब है माया।
बता जिंदगी दुनिया में, तेरी कैसी तिजारत है।
ज़िन्दगी खूबसूरत सी जीवन की इबारत है।