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Sadhna Mishra

Inspirational

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Sadhna Mishra

Inspirational

जिंदगी के लम्हो में आज सबला हूँ

जिंदगी के लम्हो में आज सबला हूँ

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अबला मत समझो सबला हूँ 

तिल तिल जलती देती प्रकाश

मानवता को पोषित करती मैं 

प्रतिपल वजूद मेरा सयाश।


मैँ परिवर्तन की आंधी हूं

फासला मृत्यु -जीवन का हूं

कल और आज के अंतर का

हर मानव का अंतर्मन हूँ।


मैं प्रताप हूँ पुण्यों के

अत्याचारी को काली हूँ

मैं ही जीवन देने वाली

में ही हर लेने वाली हूँ।


संतुलन धरा अम्बर का हूं

माटी को सोना करती मैं

जीवो के अंतस में बहती

बनकर के नीवं धारा में ।


मैं घृणा, द्वेष मेंट देती 

भावना दिव्य देती हूँ भर

जीवन को सफल बनाती हूं

आशीष हेतु जब उठता कर।



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