जिंदगी के बाद (वो है न)
जिंदगी के बाद (वो है न)
जीवन के बाद, कर्म का हिसाब
एक दर्शन है ये सब प्राचीन
पर इसको व्यापार है बनाया
जुड़े हैं लोग इससे नामचीन
ये सब दर्शन बना था इसलिए
कि लोग कर्म करें ध्यान से
कर्म का खाता क्लियर करते
ये व्यापारी मिलने वाले दान से
गीता में कृष्ण ने ठीक बताया
सतो, रजो, तमो गुण समझाया
पर लोग अपने को नहीं पहचाने
स्वर्ग, नरक को ज्यादा फैलाया
पर मुझको लगता युग बदल रहा
आज का युवा, भ्रमित न होगा अब
जीवन के बाद नहीं, जीवन के साथ
का हिसाब, रखना ही होगा अब
कितना ही राजनीति वालें करें
कर्मों के व्यापारियों का उपयोग
जीवन के बाद की चिंता नहीं
न करें शायद आने वाले लोग
सीधा सादा सा सन्देश सभी को
परिपूर्ण इसी जीवन को बनाओ
जिंदगी के बाद की चिंता तो तुम
इन्श्योरैंस पर छोड़, मस्त हो जाओ।
