जिंदगी -इक सफ़र
जिंदगी -इक सफ़र
जिंदगी क्या है इक फूल जैसी
चार दिन खिलकर मुरझा जाए वैसी
जिंदगी क्या है परीक्षा है जैसे
हर दिन नया ही पेपर सामने आ जाये वैसे
जिंदगी क्या है इक मधुर सा गीत है
फड़कती सी धुन हो जैसे
जिंदगी क्या है इक फिल्म हो जैसे
हम कलाकार बन गये हों जैसे
जिंदगी क्या है आराधना हो जैसे
भक्ति समर्पित हो ईश्वर के प्रति जैसे।