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Roohani Wadhwa

Fantasy Others

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Roohani Wadhwa

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ज़िंदगी: एक खेल

ज़िंदगी: एक खेल

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तारीफों के नहीं 

हम तो इज़्ज़त के भूखे हैं

काफिलों के नहीं

बस अपनो के भूखे हैं

तक़दीर ने बहुतों को छीन लिया हम से

पर हमने भी खुशियों को छीन लिया तक़दीर से 

बस इतनी चाह थी जिंदगी से किसी को खफ़ा न करें हम

पर जिंदगी के खेल को कुछ और ही मंजूर था

जिसको जो समझना था

उसने वो समझ लिया हमें

सफाई का मौका भी न मिला और दोषी भी बना दिया हमें

बस इतनी ख्वाहिश है मेरी खुदा से 

सब खुश रहें मेरी बला से


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