जब करीब थे तुम मेरे
जब करीब थे तुम मेरे
जब करीब थे तुम मेरे
तब अहसास हो ना पाया मुझे
अब दूर हो तो बेचैन हूं मैं तुम्हारे लिए
जब करीब थे तुम मेरे
तब अहमियत दे ना पाई मैं तुम्हें
अब दूर हो तो याद करती हूं मैं तुम्हें
जब करीब थे तुम मेरे
तब तुम्हारा अनुराग समझ ना पाई मैं
अब दूर हो तो परवाना करती हूं मैं तुमसे
जब करीब थे तुम मेरे
तब हामी दे ना पाई मैं तुम्हे
अब दूर हो तो कबूल करती हूं मैं तुम्हें
जब करीब थे तुम मेरे
तब हंसा करती थी मैं तुमपे
अब दूर हो तो रोती हूं मैं तुम्हारे लिए
जब करीब थे तुम मेरे
तब जाने से रोक ना पाई मैं तुम्हे
अब दूर हो तो वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें
वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें
वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें।

