जिंदगी बिन शादी
जिंदगी बिन शादी
यह जिंदगी है यारा
सही समय पर कर लो सब काम
तो जिंदगी हो जाती है आसान।
केरियर स्वतंत्रता के चक्कर में जो तुम इस पवित्र बंधन शादी के बंधन में न बंधना चाहो।
अपनी स्वतंत्रता को न खोना चाहो।
खाली अपने लिए ही जीना चाहो।
अपनी इच्छा पूर्ति के लिए बिन फेरे हम तेरे वाली स्थिति रखो।
तो यह समय तो निकल जाएगा।
जब तुम इस स्थिति से धोखा खाओगे।
तब तुम कहां जाओगे।
अगर वह भी नहीं हो राधा, मीरा बनना हो।
तो भी जीवन में तुम बहुत अड़चनें पाओगे।
आजकल ही यह जोर-शोर से चला आ रहा है।
बिन फेरे हम तेरे वाली स्थिति हो रही है ।
लिव इन रिलेशनशिप वाली स्थिति हो रही है।
जो नैतिक समाज को अनैतिकता की ओर ले जा रही है।
कुछ लोग तो पलायन वाद होकर साधु बनने की कोशिश करते हैं ।
वह जिंदगी भी नहीं है आसान।
अरे यह जिंदगी है, इसको हंसी खुशी और अच्छी तरह जियो। ईश्वर ने इतना अच्छा जीवन दिया है।
नीति नियम से जियो तो तुम्हारा और सबका भला होगा।<
/p>
समय पर शादी ,समय पर बच्चे
जिंदगी अच्छी तरह गुजारो तो जिंदगी का आंगन खुशियों भरा होगा।
हां यह सही है कि जिंदगी में हर शादी में लड्डू नहीं मिलते हैं। मगर आपस में थोड़ा सामंजस्य बिठाने से हर समस्या का हल होता है।
जिंदगी में कुछ अपने तो मिलते हैं ।
नहीं तो बुढ़ापे में दर-दर की ठोकरे खानी पड़तीहै।
जब तक आपका पैसा आता है तब तक परिवार आपका रहता है ।
अगर जिस दिन आपका पैसा आप अपने ऊपर उपयोग करते हैं उसे दिन वह परिवार आपको निकाल बाहर करता है।
और आपको दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर करता है।
कहती है विमला ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में नीति नियम से चलो अनीति से ना चलो।
जो नहीं करनी है शादी कोई बात नहीं।
अच्छी तरह से निभाओ अपना ब्रह्मचर्य जिंदगी,
अनीति को तुम जिंदगी में ना लाओ।
तो कहलाओगे बिन शादी भी तुम ब्रह्मचारी।
नहीं तो जहां पांव फिसलन कि कि तुम आ जाओगे दुराचारी की श्रेणी में।
क्यों सही कह रही हूं ना क्या आप मेरी बात से सहमत है।