जीवन
जीवन
जीवन एक खेल है, आरंभ से अंत तक
जीवन साधना है, बचपन से बुढापे तक।
जीवन अविरत है, सुबह से शाम तक
जीवन एक सफर है जन्म से मृत्यु तक।
कहीं संगीत के सात सुरों में समाया है
कहीं किसी के होठों का गीत बन जाता है।
कभी कविता की मस्ती में नजर आता है
कभी रंगमंच के कलाकार सा निखरता है।
कहीं जिम्मेदारियों का बोझ उठाता है जीवन
कहीं मन की रंगरेलियों का खज़ाना है जीवन।
कभी किसी अपाहिज का सहारा है जीवन
कभी शानो-शौकत का सितारा है जीवन।
कभी खुशियों की छांव, कभी संतोष का आंगन
कभी मां की मीठी लोरी सा जीवन का गायन।
एक नहीं सुखी जीवन के अनेकानेक आयाम हैं
रंग-बिरंगी दुनिया में यह ईश का सुंदर वरदान है।
