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Manju Rai Sharma'Queen '

Inspirational

4  

Manju Rai Sharma'Queen '

Inspirational

जीवन संदेश

जीवन संदेश

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मनवा भया फ़कीर ,

अब डर काहे का I 

तुझमें रमा रे मन ,

अब डर काहे का I 


चार दिन की ज़िन्दगानी ,

फिर धू - धू जल जाना है  I 

कांटो की संसार बाड़ी में ,

उलझ - पुलझ रह जाना  है  I 


हंसा बन मोती चुग ले ,

मान सरोवर फिर न पाना है I 

कागा सा वाचाल न बन ,

यम फांस से न कोई बच पाया है  


काया है तुझे कितनी प्यारी ,

मल - मल रोज नहाता  है I 

मुख तो रोज चमक जाता ,

मन में रोज मैल भर जाता है  I 


मेरा - मेरा के चक्कर में ,

ताड़ सा अकड़ जाता है I 

कर्म तेरे ही संग जायेंगे तेरे ,

सारा साज यही रह जाता है I 


बुलबुले हैं पानी के  हम सब ,

अंत में उस सागर में सबको है समाना  है I 

इतना भी क्या मोह जग से ,

जब अंत समय में कोई साथ न जाना है I 


अकेला आया था इस जग में ,

अकेला ही तो हमें जाना है I 

यही मौका है मिला किस्मत से ,

इतिहास बना  या रच जाना हैI 



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