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Sandhaya Choudhury

Inspirational Others

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Sandhaya Choudhury

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जीवन नैया हमार

जीवन नैया हमार

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हमारी तुम्हारी जीवन की नैया 

कोई ना जाने कौन खेवैया 


इस पार या उस पार ना जाने कोई

यही जीवन है खेलम खेल है भैया 

अबकी बारिश में बह गए सब 

सारे सपने गुम हो गये अब

बैठकर अब ना करूँ हंसी ठिठोली 

गुम हो गई कहाँ अब वो आँख मिचौली 

समय से पहले बच्चे सब समझ गए अब

समझाओ तो समझाने लगे अब 


आटा दाल चावल की चिन्ता 

कागज की कश्ती जैसी जीवन नैया

पल भर में ही मुरझाऊँ मैं 

खुद ही उठकर मुसकुराऊँ मैं 

अब ना वो पहली बारिश जैसी 

जिसमें भीग कर खुश हो जाऊँ मैं

कोई ना रहेगा तुम्हारे साथ खेवैया

ऊपर वाला ही तुम्हारा खेवैया 

देखकर बारिश दिल कांपता है 

गरीब के चेहरे पर ख़ौफ नज़र आता है

कमजोर कश्ती जैसी जिन्दगी 

बिन पतवार के नाव जैसी जिन्दगी 

बचपन जैसी अब ना रही जिन्दगी 

इसी चिन्ता में घुलती जाए जिन्दगी

सरपट सरपट भाग रही जिन्दगी 

मैं भी आ रही हूँ ऐ जिंदगी।


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