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Jyotiramai Pant

Abstract

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Jyotiramai Pant

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जीवन-मृत्यु

जीवन-मृत्यु

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एक साथ ही आए हम 

जीवन संग निभाए हम।


हर पल साया बन चलती

फिर भी देख न पाए हम।


तेरे किस्से बहुत सुने

मिल तो कभी न पाए हम।


अपना लेती अन्त समय

तुम को समझ न पाए हम।


 परम सत्य तुम जीवन का 

जी ते देख न पाए हम।


जीवन मृत्यु निरंतर चक्र

सोच कभी घबराए हम।


मनुज जन्म पाके हों धन्य

यदि सुकर्म कर पाए हम।


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