जीवन मृत्यु तक
जीवन मृत्यु तक
जब हमनें जन्म लिया,
तो अकेले आएं थे हम।
साथ में हमारी नेकी ने,
और पाप-पुण्य ही जाने।
अकेले रहना हमें पड़ेगा,
जब तक होना नहीं अंत।
ज़िंदगी ही करती गद्दारी,
मौत ही निभाएं वफादारी।
हँसते-हँसते जीना सीखिए,
रोते को और रूलाती दुनिया।
