जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह
जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह
जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह,
तय करनी ही होती स्वयं अपनी राह।
जीवन है तभी तक जब तक हैं गतिमान,
ठहराव बना देता है मृतक के ही समान।
आगे बढ़ते रहे जो सबकी होती है चाह,
जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह,
तय करनी ही होती स्वयं अपनी राह।
परोपकारी भाव ही प्रमाण होता जीवन का,
लक्ष्य कर लें हम पूरा कुछ भरोसा न तन का।
हम खुशियां दे उनको रहे हैं जो पीड़ा से कराह ,
जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह,
तय करनी ही होती स्वयं अपनी राह।
वहीं खिलें फूल खुशियों के जहां भी हम जाएं ,
सुख-समृद्धि बिखेर सरिता यह हम सबको सिखाएं।
हो जिस किसी से भी मिलन वह करे वाह-वाह,
जीवन में रखिए सरिता सा प्रवाह,
तय करनी ही होती स्वयं अपनी राह।
