STORYMIRROR

Anjana Singh (Anju)

Inspirational

4  

Anjana Singh (Anju)

Inspirational

" जीवन की सांझ "

" जीवन की सांझ "

1 min
304

जीवन की सांझ बेला

आने है लगी

उम्र बढ़ रही 

या उम्र घट रही

शायद यह बतलाने लगी


कभी मधुर स्मृतियों संग

हम हॅंसते खिलखिलाते हैं

कभी बिछड़े अतीत की

यादों में गुम हो जाते हैं


कैसे गुजर जाते हैं

जीवन के ये पड़ाव

हंसते खेलते गुजरता बचपन

जिम्मेदारियों भरी जवानी

कभी दर्द कष्ट से भरी

शायद बुढ़ापे की निशानी


कभी लोग कल्पना से घबराते

कभी हंसी-खुशी जीवन बिताते

जीवन की यह अबुझ सांझ

 कहाँ लोग समझ हैं पाते


जीवन सांझ में खुश रहकर

अपने अवसादों को दूर कर

अपने अनुभव सारे बांट दो

अपने इस जीवन संध्या को

 ख़ुशियों से भर दो


घर परिवार और समाज को

हमसे है जो मांग

आओ उसको बांट दें

सब के संग खुश रहकर

उन्हें ख़ुशियों से पाट दें

भुलाकर अपने दुख दर्द

इसे बना ले खुशनुमा


लोग जीवन संध्या की 

कल्पना से है घबराते

अति सोचकर जिंदगी

खुल कर जी ना पातें


क्यूं हम घबराए

जीते जी क्यूं मर जाए

इसका खुलकर करें सामना

हर सुख दुख को भी थामना


जीवन में हर मोड़ तो आनी है

आकर एक दिन गुजर जानी है

पर अपने कदमों के निशां

हमें यही छोड़ जानी है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational