जीवन का खजाना
जीवन का खजाना
जीवन का खजाना
जीवन का खजाना यहीं छुपा है,
जहाँ चाँद पकड़ने की चाहत थी,
दिल खेलता था उस बगिया में,
जहाँ पर फूलों का मैं दीवाना था,
आज बहुत दूर आँखों से मेरी जो कभी,
जीवन में खुशियों का खजाना था I
कागज़ की कश्ती बारिश का पानी,
परियों की कहानियों का खजाना था,
खबर न थी क्या हो रहा है कहीं,
न सुबह और न ही शाम का ठिकाना था,
आज बहुत दूर आँखों से मेरी जो कभी,
जीवन में खुशियों का खजाना था I
खुशियों की पोटली माँ के पास होती,
इसी पोटली का दिल दीवाना था,
भाई –बहनों की हंसी ठिठोली जहाँ,
बहुत खूबसूरत बचपन का वो ज़माना था,
आज बहुत दूर आँखों से मेरी जो कभी,
जीवन में खुशियों का खजाना था I
सच्चे दोस्त संग घंटों बैठे बातें करते,
उस समय न मोबाइल का जमाना था,
खूबसूरत लम्हें जीवन के आज याद आते हैं,
दोस्तों और यारों की खूब होती मस्ती,
बीती बातों का बस यही ठिकाना था,
आज बहुत दूर आँखों से मेरी जो कभी,
जीवन में खुशियों का खजाना था I
