जीवात्मा
जीवात्मा
न हर कोई मानव
न हर कोई मानव-सा
न मानव का
मानव पर अधिकार
न मानव का
मानव पर परोपकार
न मानव अधिकारी है
मानव का
न मानव प्रतिहारी है
मानव का
न मानव का
शोषण है अधिकार
न मानव का
तर्पण है श्रृंगार
अधिकार मानव का
न किसी जीवात्मा पर
न जीवन इतना ग्रस्ता
कि छीने मानव
जीवन अभिस्तावित
बनकर।